हमारे बारे में
माध्यमिक शिक्षा का सम्पूर्ण शिक्षा व्यवस्था में विशेष महत्व है। वर्ष 1972 तक प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा, शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश के नियंत्रण, निर्देशन एवं प्रशासन के अधीन थी। शिक्षा के बढ़ते कार्यो, विद्यालयों एवं नये-नये प्रयोगों के कुशल संचालन के कार्यक्रम को अधिक गतिशील एवं प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 1972 में शिक्षा निदेशालय के विभाजन का निर्णय शासन स्तर पर लिया गया, जिसके अनुसार शिक्षा का प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च तीन खण्डों में विभाजन किया गया।
किशोर बालक / बालिकाओं में ज्ञान वर्धन के साथ-साथ सामाजिक सदगुणों का विकास, अधिकारों एवं कर्त्तव्यों का ज्ञान, राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के प्रति जागरूकता, आत्मनिर्भरता और आत्मविकास आदि चारित्रिक गुणों का विकास करना माध्यमिक शिक्षा का मूल उद्देश्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में यह पकिल्पना की गयी थी कि माध्यमिक स्तर के सभी बालक / बालिकाओं को शिक्षा सुविधा उपलब्ध करा दी जाय। संसाधनों की सीमितता के बावजूद प्रदेश में अनेक माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक खोले गये। माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता में गुणवत्ता सुधार में लाने, शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने हेतु शैक्षिक सुविधाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है।
मूल्यांकन एवं अनुश्रवण कर शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हेतु माध्यमिक विद्यालयों का श्रेणीकरण (ग्रेडिंग) किये जाने के सम्बन्ध में माध्यमिक स्तर की शि़क्षा में सुधार कर शैक्षिक गुणवत्ता में संवर्द्धन करने के उद्देश्य से मूल्यांकन एवं अनुश्रवण कर शैक्षिक गुणवता में सुधार हेतु प्रभावी कार्यवाही किये जाने के अर्न्तगत प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों का श्रेणीकरण (ग्रेडिंग) कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
शैक्षिक गुणवता में सुधार हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण एवं श्रेणीकरण के लिए ऑन-लाइन डाटाबेस प्रपत्र विकसित किया गया है जिसके मूल्यांकन का आधार त्रैमासिक रखा गया है।
राजकीय विद्यालयों के श्रेणीकरण का ऑनलाइन विश्लेषण
विद्यालयों की शैक्षणिक वर्ष 2022 - 23 प्रथम त्रिमास हेतु श्रेणी
विभिन्न स्तर के विद्यालयों की सूचना
Type of Schools
राज्य स्तर पर विद्यालयों में छात्र एवं छात्राओं की सूचना
राजकीय विद्यालयों के श्रेणीकरण डाटा का ऑनलाइन भौगोलिक मानचित्र में प्रदर्शन
प्रदेश की छात्र/छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान किये जाने में माध्यमिक शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय विद्यालयों का अहम योगदान है। वर्तमान में प्रदेश में 2295 राजकीय विद्यालय संचालित है, जिसके सापेक्ष कतिपय विद्यालय अत्यधिक पुरातन होने के कारण जर्जर स्थिति में है। सामान्यतः बजट में पुराने राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवनों का पुनर्निर्माण किये जाने हेतु समुचित प्रावधान न हो पाने के कारण कतिपय राजकीय विद्यालय जर्जर स्थिति में है तथा बजट अभाव के कारण कतिपय अन्य राजकीय विद्यालयों में आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं का सम्यक विकास नहीं हो सका है। अतः राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवन के पुनर्निर्माण , विस्तार, विद्युतीकरण इत्यादि कार्यों हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में संगत मद में रूo 100.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
उक्त प्राविधानित धनराशि का पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से उपयोग सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा ”प्रोजेक्ट अलंकार“ योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है।
अंलकार प्रोजेक्ट हेतु रियल टाइम उपलब्ध डाटा का विश्लेषण
राजकीय विद्यालयों में विभिन्न भौतिक अवस्थापनाओं की उपलब्धता
राजकीय विद्यालयों के सम्यक विकास हेतु भौतिक अवस्थापनाओं संबन्धी चिन्हित कार्य
राज्य स्तर पर कक्षों की भौतिक स्थिति
सुगम शिक्षा
हम माध्यमिक विघालय नवीनीकरण मिशन शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत प्रदेश के 30,000 माध्यमिक विघालयों के बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण किया जाएगा।