दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में बहुत महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है।
तारीख:मंगलवार, 25 अक्तूबर 2022
अन्य नाम: अन्नकूट पर्व
उत्सव: गोवर्धन पूजा, श्रीकृष्ण पूजा, गौ पूजा, अन्नकूट का छप्पन भोग, सामूहिक भोज और मिठाइयाँ
उद्देश्य: धार्मिक निष्ठा, उत्सव
तिथी: कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा
भारत में आज आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2022) होगा. इस वजह से आज होने वाली गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) नहीं होगी. गोवर्धन पूजा अब 26 अक्तूबर को की जाएगी. भैया दूज भी बुधवार को ही मनाया जाएगा. सूर्यग्रहण की वजह से मथुरा के बांके बिहारी मंदिर समेत कई प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे. यह सूर्यग्रहण इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण है. भारत में यह शाम चार बजकर 22 मिनट से शुरू होगा. इसका समापन सूर्यास्त के समय छह बजकर 32 मिनट पर होगा.
भारत में सूर्यग्रहण
भारत में सूर्यग्रहण शाम 4 बजे से देखा जाएगा. इसलिए इस बार इसका सूतक काल 25 तारीख को तड़के ही शुरु हो जाएगा, जिस वजह से इस दिन कोई पूजा पाठ आदि नहीं किया जाएगा. मंदिरों के द्वार बंद हो जाएंगे. देश के कई हिस्सों सूर्य ग्रहण देखा जाएगा. दिल्ली, बंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, उज्जैन, वाराणसी और मथुरा में आंशिक सूर्य ग्रहण नजर आएगा. सूर्य ग्रहण भारतीय समानुसार दोपहर बाद 2 बजकर 29 मिनट पर लगेगा. भारत में यह शाम चार बजकर 22 मिनट से शुरू होगा. इसका समापन सूर्यास्त के समय छह बजकर 32 मिनट पर होगा.
क्यों होती है गोवर्धन पूजा
ऐसी मान्यता है कि भगवान इंद्र ने बृजवासियों से नाराज होकर मूसलाधार बारिश कर दी थी. इससे परेशान गांव वाले कान्हा के पास मदद मांगने के लिए गए थे. उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों को बचाया था.पर्वत के नीचे भगवान श्रीकृष्ण ने सभी को सुरक्षा दी थी. तभी से भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन के रूप में पूजा जाता है.